उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया। सहस्त्रधारा, करलीगार्ड और आसपास के क्षेत्रों में अचानक बढ़े पानी ने दुकानों, होटलों और रिसॉर्ट्स को बहा दिया। लोग रातभर सुरक्षित स्थानों की तलाश में परेशान रहे।
सहस्त्रधारा और तपकेश्वर मंदिर में हाहाकार
DRF-NDRF की त्वरित कार्रवाई
आपदा की सूचना मिलते ही SDRFऔर NDRF की टीमें मौके पर पहुंची।
जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाने और फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। प्रशासन ने सभी स्कूलों को बंद रखने और लोगों को नदी किनारे जाने से बचने की सलाह दी है।
नुकसान और भविष्य की चेतावनी
कई लोग लापता बताए जा रहे हैं और करोड़ों का आर्थिक नुकसान सामने आ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित निर्माण और कमजोर निकासी व्यवस्था इस तरह की आपदाओं को और भयावह बना रही हैं।
यह हादसा बताता है कि आपदा पूर्व तैयारी, जलनिकासी सुधार और नदी किनारे निर्माण पर नियंत्रण अब समय की मांग है।


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